Friday, January 30, 2009

क्या लिखूँ

कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ या दिल का सारा प्यार लिखूँ

कुछ अपनो के ज़ाज़बात लिखूँ या सपनो की सौगात लिखूँ

मै खिलता सुरज आज लिखूँ या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ

वो डूबते सुरज को देखूँ या उगते फूल की सान्स लिखूँ

वो पल मे बीते साल लिखू या सादियो लम्बी रात लिखूँ

मै तुमको अपने पास लिखू या दूरी का ऐहसास लिखूँ

मै अन्धे के दिन मै झाँकू या आँन्खो की मै रात लिखूँ

मीरा की पायल को सुन लुँ या गौतम की मुस्कान लिखूँ

बचपन मे बच्चौ से खेलूँ या जीवन की ढलती शाम लिखूँ

सागर सा गहरा हो जाॐ या अम्बर का विस्तार लिखूँ

वो पहली -पहली प्यास लिखूँ या निश्छल पहला प्यार लिखूँ

सावन कि बारिश मेँ भीगूँ या आन्खो की मै बरसात लिखूँ

गीता का अॅजुन हो जाॐ या लकां रावन राम लिखूँ

मै हिन्दू मुस्लिम हो जाॐ या बेबस ईन्सान लिखूँ

मै ऎक ही मजहब को जी लुँ ॰॰॰या मजहब की आन्खे चार लिखूँ

कुछ जीत लिखू या हार लिखूँया दिल का सारा प्यार लिखूँ!

-बच्चन

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