Friday, January 30, 2009

ऐसा नही की आज मुझे चाँद चाहिए,

ऐसा नही की आज मुझे चाँद चाहिए,

मुझको तुम्हारे प्यार में विश्वास चाहिए...

मिल न सको मुझे तुम हकीक़त में गर कभी,

जन्नत में बस तुम्हारा मुझे साथ चाहिए...

न की कभी भी ख्वाहिश, मैंने सितारों की,

ख्वाबों में बस तुम्हारा मुझे दीदार चाहिए...

जाओगे दफ्न करने जब मेरे जिस्म को,

बस आखिरी दो पल का मुझे साथ चाहिए...

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