Monday, March 9, 2009

रूठ के हमसे कहीं

This is a heart smasher!

and the picturisation really complements the song.

रूठ के हमसे कहीं जब चले जाओगे तुम

ये ना सोचा था कभी इतने याद आओगे तुम


मैं तो ना चला था दो कदम भी तुम बिन

फिर भी मेरा बचपन यही समझा हर दिन

छोड़ के मुझे भला अब कहाँ जाओगे तुम

ये ना सोचा था कभी इतने याद आओगे तुम


बातों कभी हाथों से भी मारा है तुम्हें

सदा येही कहके ही पुकारा है तुम्हें

क्या कर लोगे मेरा जो बिगड़ जाओगे तुम

ये ना सोचा था कभी इतने याद आओगे तुम


देखो मेरे आँसू येही करते हैं पुकार

आओ चले आओ मेरे भाई मेरे यार

पोंछने आँसू मेरे क्या नहीं आओगे तुम

ये ना सोचा था कभी इतने याद आओगे तुम

xxxx

Sameer

Jo Jeeta Wahi Sikandar

1 comment:

  1. in my mind and soul...i have forever dedicated this song to oyu ... till date .. i cry.. when i hear this song....because i think of you .. and our childhood....

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