तुम गुनगुनी सी , तुम गीली गीली;
तुम सुर्ख लाल क्यों पीली- पीली;
तुम सहज धूप, तुम बहुत खूब;
तुम हो गुलाब, तुम सुप्रभात.
xxxxxxxxxx
इसका जवाब..
xxxxxxxxxx
इसका जवाब..
मैं ठिठुरी ठिठुरी , मैं सूखी सूखी;
मैं थी गुलाल, अब उखरी उखरी;
मैं दिन न रात, मैं यूँ ही बिन बात;
मैं न गुलाब, न सुप्रभात.
xxxxxxxx
rajeev jha
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