आज फिर आप की कमी सी है
दफन कर दो हमें के साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
इस की आदत भी आदमी सी है
कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
इक तस्लीम लाज़मी सी है
xxxx
Gulzar
read them...like them...pick them...keep them....
"Don't be reckless with anyone's heart
and...
don't put up with those..
who are reckless with yours."
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