नैनं अंतर आव तो नैन झांप तोहे लूं,
न मैं देखूं और को, न तोहे देखन दूं.
xxxxx
मेरा मुझ में कुछ नहीं,
मेरा मुझ में कुछ नहीं,
जो कुछ है सो तेरा ,
तेरा तुझको सौंप दे,
क्या लागे है मेरा.
xxxxx
सोऊँ तो सपने मिलूँ,
सोऊँ तो सपने मिलूँ,
जागूँ तो मन माहि,
लोचन राते सब घड़ी,
बिसरत कबहूँ नाहीं.
xxxx
साधू कहावत कठिन है,
साधू कहावत कठिन है,
लम्बा पेड़ खजूर,
चढ़े तो चाखे प्रेम रस,
गिरे तो चकना चूर.
xxxxx
चाह गई चिंता मिटी, मनवा बेपरवाह,
चाह गई चिंता मिटी, मनवा बेपरवाह,
जिनको कछु न चाहिए, वो ही शहंशाह.
xxxx
सबद सबद सब कोई कहे,
सबद सबद सब कोई कहे,
सबद के हाथ न पाँव,
एक सबद औषध करे,
एक सबद किर घाव.
xxxx
जब हम जग में पग धरयो ,
जब हम जग में पग धरयो ,
सब हँसे हम रोये,
कबीर अब ऐसी कर चलो,
पाछे हंसी न होए.
xxxx
जो कछु किया सो तुम किया,
जो कछु किया सो तुम किया,
मैं कछु किया नाहीं,
कहो कही जो मैं किया,
तुम ही थे मुझ माहीं.
xxxx
आठ पहर चौसंठ घडी,
आठ पहर चौसंठ घडी,
मेरे और न कोय,
नैना माहीं तू बसे,
नींद को ठोर न होय.
No comments:
Post a Comment